Add To collaction

ज़िन्दगी गुलज़ार है

६ जनवरी  – ज़ारून

चंद लोगों के बारे में मेरे अंदाज़े अक्सर गलत होते रहे हैं. उनमें कशफ़ मुर्तज़ा भी शामिल है. हर रोज़ उसका एक नया रूप मेरे सामने आता है. कभी बहुत खौफ़ज़दा कर देने वाली, कभी बहुत बोल्ड और कभी बहुत बुज़दिल. उसने अपने अंदर और बाहर दीवारें खड़ी कर रखी है, लेकिन ये दीवारें भी उस जैसी मिडिल क्लास लड़कियों का तहफ्फुज़ (रक्षा) नहीं कर सकती. अगर आपको तस्खीर करना (काबू करना, वश में करना, जीतना) आता हो, तो कोई भी लड़की नाक़ाबिल तस्खीर (काबू करना, वश में करना, जीतना) नहीं होती, वो भी नहीं है, मैं जानता हूँ. मैं उसे भी शिकस्त दे लूंगा. बस कुछ इंतज़ार की ज़रूरत है और वो मैं कर सकता हूँ.

   9
2 Comments

Radhika

09-Mar-2023 04:31 PM

Nice

Reply

Alka jain

09-Mar-2023 04:17 PM

👌🙏🏻

Reply